फेमस आर्टिस्ट जॉन रस्किन का कोट है, फाइन आर्ट्स वो है जहां व्यक्ति का हाथ, दिल और मस्तिष्क एक साथ काम करता है। यानि वस्तुओं, प्रकृति के विभिन्न रूपों, किसी की पीड़ा, खुशी, नकल को भी अगर आप अलग तरीके से पेश कर सकते हैं तो फाइन आर्ट्स का कॅरिअर आपके लिए है। खास बात यह है कि इस विषय में पढ़ाई करने के बाद युवाओं के पास नौकरियों के साथ ही स्वरोजगार के भी विकल्प उपलब्ध हैं।
नई तकनीक आने के बाद इसमें कॅरिअर के ढेरों विकल्प सामने आए हैं। एनिमेशन, एड-डिजाइनिंग, प्रोडक्ट डिजाइनिंग जैसे काम करके युवा नाम और पैसा दोनों कमा रहे हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग की तरह यह भी अब एक स्थापित कॅरिअर है।
देश के साथ विदेशों से भी कर सकते हैं कोर्स
इंडिया | सर जेजे स्कूल ऑफ अप्लाइड आर्ट्स, विश्वभारती यूनिवसिर्टी, कॉलेज ऑफ आर्ट- यूनिवसिर्टी ऑफ दिल्ली, जामिया मिल्लिया इस्लामिया |
यूएसए | कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स, मेयरलैंड इंस्टीट्यूट कॉलेज ऑफ आर्ट्स, आर्ट सेंट्रल कॉलेज ऑफ डिजाइन, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी |
यूके | यूनिवर्सिटी ऑफ लिंकोलन, टीसिड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ दूंदी, लीवरपूल जॉन मूर्स यूनिवर्सिटी |
पर्सनल स्किल
फाइन आर्ट्स की पढ़ाई किसी दूसरे विषय से पूरी तरह अलग है। इसके लिए क्रिएटिव टैलेंट और स्किल होनी जरूरी है। इसलिए इस फील्ड में कलात्मक और सृजनात्मक प्रतिभा रखने वाले युवाओं को ही आना चाहिए क्योंकि फाइन आर्ट्स का फोकस एरिया अप्लाइड आर्ट, ग्राफिक डिजाइन, पेंटिंग और स्कल्पचरिंग के इर्द-गिर्द होता है।
डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक के कोर्स उपलब्ध
फाइन आर्ट्स में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा से लेकर डिग्री लेवल कोर्स कराए जा रहे हैं। यही नहीं, मास्टर और पीएचडी भी फाइन आर्ट्स में की जा सकती है। इसमें एक साल से पांच साल तक के कोर्स उपलब्ध हैं।
- डिप्लोमा कोर्स- यह एक वर्षीय कोर्स है। इसे बारहवीं के बाद किया जा सकता है।
- अंडर ग्रेजुएट कोर्स- बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीएफए) और बैचलर ऑफ विजुअल आर्ट्स (बीवीए) किया जा सकता है। यह 4-5 वर्ष का कोर्स है। बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) भी किया जा सकता है। यह तीन वर्षीय कोर्स है।
- पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स- मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए) अथवा मास्टर इन विजुअल आर्ट्स (एमवीए) के रूप में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स किया जा सकता है। यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम है। इसके अलावा मास्टर ऑफ ऑर्ट इन फाइन आर्ट्स (एमए) भी किया जा सकता है। यह भी दो वर्षीय पाठ्यक्रम है।
इन सेक्टर्स में है मांग
फाइन आर्ट्स ग्रेजुएट्स की सबसे ज्यादा मांग सॉफ्टवेयर कंपनीज, डिजाइन फर्म्स, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, एडवरटाइजिंग कंपनीज, डिजिटल मीडिया, पब्लिशिंग हाउसेज और आर्ट स्टूडियो में है। फील्ड की बात की जाए तो फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद एड डिपार्टमेंट, अखबार या पत्रिका में इलस्ट्रेटर, कार्टूनिस्ट आदि के तौर पर भी कॅरिअर बनाया जा सकता है। टेलीविजन, फिल्म, थिएटर प्रॉडक्शन, प्रॉडक्ट डिजाइन, एनिमेशन स्टूडियो, आदि में भी तमाम अवसर हैं। शिक्षण संस्थानों में आर्ट टीचर के रूप में भी कॅरिअर बनाया जा सकता है। फ्रीलांस भी कर सकते हैं। प्रोफेशनल कला समीक्षक, आर्ट स्पेशलिस्ट, आर्ट डीलर, आर्ट थैरेपिस्ट, पेंटर आदि के रूप में फुल-टाइम अथवा पार्ट-टाइम काम भी कर सकते हैं। अगर आप अपनी क्रिएटिविटी डिजाइनिंग में दिखाना चाहते हैं तो प्रॉडक्ट डिजाइनिंग, ऑटोमोबाइल डिजाइनिंग में हुनर दिखाकर नाम और पैसा कमा सकते हैं।